Friday 20 June 2014


                     छंद मेरे तेरे लिये

             तेरे लिए लिखे मैंने, छंद हैं ये छंद मेरे,
             नैनों को जो है भाती, वो सूरत जो तेरी है |
             जपती हैं सांसें अब दिन-रात माला तेरी,
             मन में जो मुस्काई, मूरत जो तेरी है |
             तेरे लिए लिखे मैंने, छंद हैं ये छंद मेरे,
             नैनो को जो है भाती, सूरत जो तेरी है |

ह्रदय में उमड़ती है, उमंग तेरे प्रेम की जो,
छेड़ती तराना है, ये कहती तरंग है |
तेरे लिए लिखे मैंने, छंद हैं ये छंद मेरे,
नैनों को जो है भाती, सूरत जो तेरी है |

             चलता हूँ राह में जो, तू है मेरे साथ-साथ,
             चलती है मेरे तू, डाले हाथों में हाथ है,
             न्रित्यांग्नी है ये शराब, या झूमता है पीने-वाला
             खबर किसी को नहीं है, कि किसमे क्या बात है
             ज़िन्दगी की राह में जो, मिल जाय तू अगर
             मेरी लिए यही श्रावण – यही बरसात है
             तेरे लिए लिखे मैंने, छंद हैं ये छंद मेरे,
             नैनों को जो है भाती, सूरत जो तेरी है |

कंठ मेरा-गीत तेरे, रूप तेरा-साया मेरा,
ह्रदय में धड़कती है, धड़कन तेरी सांस है
कह दूँ, कहेगा ये ज़माना एक दिन ये भी,
कर जाऊं कुछ ऐसा, ये भी इतिहास है
तेरे लिए लिखे मैंने, छंद हैं ये छंद मेरे,
नैनों को जो है भाती, सूरत जो तेरी है |

             गहराई देखो, इस सागर में समाई है जो,
             इसको तो रोकती, इक छोर से पाताल है |
             मन में उमड़ता है, प्रेम कितना गहरा है,
             इसकी गहराई का ना अम्बर ना पाताल है ||
             तेरे लिए लिखे मैंने, छंद हैं ये छंद मेरे,
             नैनों को जो है भाती, सूरत जो तेरी है |

     

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